मुंबई : उच्च न्यायालय ने कोविड-19 संक्रमण से अपनी जान गंवाने वाले मरीजों के शव को रखने के लिए ‘बॉडी बैग’ की खरीद में कथित घोटाले के मामले में मुंबई की पूर्व महापौर किशोरी पेडणेकर को चार सप्ताह के लिए गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दे दी है। न्यायमूर्ति एनजे जमादार की एकल पीठ ने पेडणेकर को राहत देते हुए कहा कि मामले की जांच जारी है और इस स्तर पर हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता नहीं है। न्यायाधीश ने कहा, ‘‘मामले की अंतिम सुनवाई के दौरान हिरासत में पूछताछ के मुद्दे पर विचार किया जा सकता है। मैं चार सप्ताह की अवधि के लिए आवेदक (पेडणेकर) की स्वतंत्रता की रक्षा के विचार से सहमत हूं।’’ उच्च न्यायालय ने कहा कि गिरफ्तारी की स्थिति में पेडणेकर को 30,000 रुपये का निजी मुचलका भरने के बाद रिहा किया जाएगा। अदालत ने पेडणेकर को मामले की जांच में सहयोग करने और 11, 13 और 16 सितंबर को सुबह 10 बजे से दोपहर एक बजे तक पूछताछ के लिए शहर पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा के सामने पेश होने का निर्देश दिया। पीठ इस मामले पर चार हफ्ते बाद दोबारा सुनवाई करेगी। पिछले हफ्ते एक सत्र अदालत की ओर से उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने के बाद पेडणेकर ने उच्च न्यायालय का रुख किया था। सत्र अदालत ने कहा था कि पेडणेपर पर सार्वजनिक धन से जुड़े आर्थिक अपराध का आरोप है जिसमें मोटी रकम शामिल है । मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता किरीट सोमैया की शिकायत के आधार पर पेडणेकर और बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के दो वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ 420 (धोखाधड़ी) और 120 (बी) (आपराधिक साजिश) सहित भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया। आरोप है कि महामारी के दौरान बीएमसी की ओर से स्वास्थ्य सुविधाओं के प्रबंधन और संक्रमित मृतकों के शवों को रखने के लिए बॉडी बैग, मास्क और अन्य वस्तुओं की खरीद में धन का दुरुपयोग और अनियमितताएं की गई थीं। पेडणेकर नवंबर 2019 से मार्च 2022 तक मुंबई की महापौर थीं। नए निकाय चुनाव अभी होने बाकी हैं। अपनी अग्रिम जमानत याचिका में पेडणेकर ने दावा किया कि उन्हें मामले में झूठा फंसाया गया था और उनके खिलाफ शिकायत राजनीति से प्रेरित है।