कैप्टन विक्रम बत्रा : परमवीर चक्र देखने से लेकर परमवीर चक्र पाने तक का सफर

मुंबई : कैप्टेन विक्रम बत्रा परमवीर चक्र सीरियल देखकर सेना में जाने के लिए प्रेरित हुए। हांगकांग की शिपिंग कंपनी में मर्चेंट नेवी में सेलेक्शन होने के बाद भी उन्होंने सेना में जाने को तरजीह दी। 1999 में आखिरी बार वो अपने पेरेंट्स से अपने घर पालमपुर में मिले थे। विशाल बत्रा, विक्रम बत्रा के जुड़वा भाई है। डिंपल चीमा विक्रम बत्रा की गर्लफ्रैंड थी,जो कि चंडीगढ़ से है। बताया जाता है कि उन्होंने आज तक शादी नहीं की, विक्रम बत्रा के शहीद होने के बाद उन्होंने अपना जीवन विक्रम की यादों के साथ बिताने का तय किया। फ़िल्म शेरशाह में कियारा आडवाणी डिंपल चीमा का किरदार कर रही है। लड़ाई के वक़्त उनके एक साथी को गोली लगी और वो उनके सामने ही गिर पड़ा। विक्रम और रघुनाथ उस वक़्त चट्टानों के पीछे बैठे थे। विक्रम ने रघुनाथ से कहा कि हमें अपने जवान को सुरक्षित स्थान पर लाना चाहिए ताकि उसकी जान बचाई जा सके। रघुनाथ ने कहा अगर हम बाहर निकलेंगे तो हमें भी गोली लग सकती है। ये सुनते ही विक्रम नाराज़ हुए और कहा \”क्या आप डरते है?\” रघुनाथ ने कहा \”नहीं, मैं सिर्फ आगाह कर रहा हूं, अगर आप कहेंगे तो हम बाहर जाएंगे\” विक्रम ने कहा \”हम अपने सिपाही को इस तरह अकेले नहीं छोड़ सकते\”
जैसे ही रघुनाथ चट्टान के बाहर कदम रखने वाले थे विक्रम ने उन्हें कॉलर से पकड़कर कहा,\”आपके तो परिवार और बच्चे है। मेरी तो अभी शादी भी नहीं हुई है। सिर की तरफ से मैं उठाऊंगा,आप पैर की तरफ से पकड़ियेगा\” इतना कहकर विक्रम आगे चले गए और जैसे ही वो उनको उठा रहे थे,उनको गोली लगी और वो वहीं गिर गए।
26 जनवरी 2000 को कैप्टेन विक्रम बत्रा को मरणोपरांत भारत का सर्वोच्च वीरता पुरस्कार परमवीर चक्र दिया गया।

जय हिंद 🇮🇳
संकलन: सचिन शर्मा (R.J)